साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 17
रोशनी उठकर जाने लगी तो उसे धक्का देकर वापस बैठा दिया। अनुराग एक हाथ से अपने दोस्तों को कॉल करते हुए दूसरे हाथ से रोशनी को उठने नही दे रहा था। जब भी वो उठने को होती अनुराग उसे वापस बिठा देता। अनुराग की ये हरकत रोशनी को गुस्सा दिला रही थी।
रोशनी गुस्से में अनुराग को जोर से धक्का देते हुए बोली- "देखो अब तुम जबरदस्ती कर रहे हो, मुझे तुमसे कोई बात नही करनी है, और ना ही तुम इस लायक हो की तुमसे कोई बात करूँ"
अनुराग खुद को गिरने से बचाते हुए संभलकर वापस रोशनी की तरफ आया लेकिन रोशनी तेज कदमो के साथ वहां से निकलने लगी।
रोशनी चलकर थोड़ी दूर ही गयी थी कि दो लड़के उसके आगे खड़े हो गए जो कि कार के अंदर से कोई सामान लेकर आये थे। रोशनी ने उन्हें आँखे दिखाते हुए ऊपर से नीचे तक घूरा तो उनके हाथ मे एक अजीब सी बोतल नजर आयी। रोशनी वापस मुड़कर अनुराग के पास आई और बोली- "ओह! तो तुम इस हद तक गिर गए, यहां मुझे जलाने के लिए बुलाया था। हाँ……. अनुराग तुम…. तुम पागल……" रोशनी के चेहरे के भाव से स्पष्ट था कि उसे अनुराग से कभी ये उम्मीद थी ही नही।
अनुराग भी थोड़ा डिस्टर्ब था इसलिए थोड़ा चिढ़ते हुए बोला- "क्या करूँ मैं? क्या करूँ। मैं नही तुम्हे किसी और के साथ देख सकता। प्लीज मुझे ये गलत कदम मत उठाने दो, भूल जाओ दीपक को और मुझसे……"
"क्या मुझसे…. अब तो तुम भूल जाओ की तुमसे मैं कोई वास्ता रखूंगी, तुमने जो हरकतें अब तक कि है उन सबको भूलकर मैं तुमसे मिलने आई थी, सोचा था कि आज अगर तुम बदल जाओगे तो शायद फिर से दोस्त बन पाएंगे, लेकिन जो ये हरकत करने की सोच रहे हो ये सब देखकर तो ऐसा लग रहा है कि गलती कर दी जो तुम्हे एक और मौका दिया"
रोशनी ने इतनी बात सुनाकर वहां से अपने कदम वापस खींच लिए और तेजी से वहां से जाने की कोशिश करने लगी।
अनुराग भी भागकर उसके सामने आ गया और बाकी के दो साथी भी अगल बगल में खड़े हो गए।
"प्लीज जाने दो मुझे…. हटो मेरे रास्ते से" रोशनी ने कहा।
अनुराग ने अपने दोस्त से एसिड की बोतल जिसमे वो पानी भरवाकर लाया था वो माँग लिया और रोशनी को दिखाते हुए बोला- "ये क्या है पता है?"
डरते हुए हकलाहट में रोशनी बोली- "तत तुम ऐसा कुछ नही कर सकते, क्योकि जो प्यार करता है वो कभी अपने प्यार को तकलीफ में नही………"
उनकी बात को काटते हुए चिल्लाते हुए अनुराग बोला।
"चुप……बिल्कुल चुप…… अब इमोशन मत दिखा, अगर तुम जानती हो कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ तो मान क्यो नही लेती मेरी बात"
"क्योकि तुम मुझसे प्यार करते हो लेकिन मैं तुमसे नही, मैं दीपक से प्यार करती हूँ, समझे"
"तो क्या दीपक तुम्हे जिंदगी भर प्यार करेगा, तुम मानती हो कि वो हमेशा तुम्हे आज की तरह चाहेगा" अनुराग ने सवाल किया।
"हां…. चाहेगा…. और अगर ना भी चाहे तो तुम्हारी जितनी गिरी हुई हरकत नही करेगा कभी।" रोशनी बोली।
"वो सिर्फ चेहरे की खूबसूरती तक तुम्हे पसंद करेगा, तुम्हे नही पता कि तुम्हारी खूबसूरती के कितने दीवाने है जो खामोश है, अगर ये चेहरा ही खूबसूरत नही रहेगा तो…. सोचो…… वो भी ठोकर मार देगा तुम्हे, निकाल फेंकेगा अपनी जिंदगी से" अनुराग ने कहा।
रोशनी अंदर से पूरी तरह डर चुकी थी लेकिन फिर भी वो आत्मविश्वास के साथ अनुराग के सामने बहादुरी से खड़ी होकर उसके सवालो का जवाब दे रही थी, उसका एक मन तो था कि मौका पाकर भाग जाए क्योकि अनुराग का कोई भरोसा नही था, वो सच मे चेहरा जला सकता था मगर तीनो उसके आसपास खड़े थे तो भागकर जाए भी तो कहाँ। दूर दूर तक कोई नजर नही आ रहा था।
"वो तुम्हारे जैसा नही है अनुराग, जो मेरे चेहरे पर मरता है। वो मुझसे प्यार करता है। और तुम शायद कभी समझ नही पाए कि प्यार किसे कहते है, सिर्फ हसिल करना प्यार नही होता है। एक दूसरे की खुशी को एक्सेप्ट करना होता है। तुम नही जानते कि दीपक ने मुझसे लास्ट टाइम क्या कहा था जब तुम उसे जान से मारने की धमकी देकर आये थे, उसने मुझे ये कहा कि अनुराग तुमसे प्यार करता है, अगर तुम उसके साथ खुश रह सकती हो तो मैं तुम्हे खुशी खुशी उसके साथ भेज दूँगा, लेकिन मैं जिंदगी भर ये नही देख सकता कि मेरी वजह से किसी का दिल टूटा है।" तुम दीपक को हमेशा गलत ही समझते आये हो लेकिन वो मेरी खुशी के लिए मुझे छोड़ने को तैयार था, मैंने तुम्हारी तारीफ में बस ये कहा की अनुराग ने आज तक कभी मेरे साथ कोई दुर्व्यवहार नही किया है वो गलत नही है, इसी बात पर दीपक को लगा कि शायद मैं कन्फ्यूज हूँ, उसने मुझे एक मौका दिया कि अनुराग और दीपक में से अपनी खुशी चुन लो…. लेकिन तुम….तुम जब भी मिले तो सिर्फ अपनी खुशी के बारे में सोचते रहे, हमेशा यही कहा कि दीपक को भूल जाओ, दीपक को भुला दो…. क्यो भुला दो? बोलो। क्यो भूल जाउँ? मेरी खुशी है वो…. मैं उसके साथ खुश हूँ।" रोशनी लगातार बोलती रही और अनुराग सुनता रहा।
तभी एक दोस्त बोला- "क्या अनुराग भाई, मुंह पर बेईज्जत्ति। "
"बेइजती थोड़ी पागल, दीपक मेरी धमकी से डरकर इसे बोला की ये मेरे साथ सेट हो जाये, लेकिन इसे वहां भी प्यार नजर आया। शायद इसलिए कहते है प्यार अंधा होता है। लेकिन क्या दीपक का प्यार अंधा है, क्या वो एक बदसूरत लड़की से शादी करेगा?" अनुराग ने कहा।
"बदसूरत तो तब होगी जब आप एसिड इसके मुंह पर मारेंगे" एक लड़का बोला।
अनुराग ने धीरे धीरे ढक्कन खोलते हुए कहा- "मैं तीन तक गिनती करूँगा , मेरे एक सवाल का जवाब सिर्फ हाँ या नही में देना है, अगर जबाब हां हुआ तो ठीक है, अगर नही बोल दिया तो मैं पूरा बोतल तुम्हारे चेहरे में उड़ेल दूँगा"
इतना सुनकर रोशनी भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसे उन दो लड़कों ने पकड़ लिया।
"नही…. प्लीज अनुराग …. तुम ऐसा नही कर सकते…. छोड़ो, छोड़ो मुझे"
"एक……." अनुराग ने गिनती शुरू कर दी।
"नही, नही, नही, तुम सौ बार पूछोगे तो भी नही" रोशनी बोली।
"दो…." अनुराग ने कहा।
रोशनी ने इस बार भी नही ही बोला, और अनुराग की नजरों से नजर मिलाने की कोशिश करते हुए बोली- "तुम ऐसा नही कर सकते अनुराग"
"एक……." अनुराग ने कहा और ढक्कन खोलकर रोशनी के करीब जाते हुए कहा।
"मैं कुछ भी कर सकता हूँ"
"तुम कुछ भी कर लो लेकिन मेरा जवाब नही ही रहेगा" रोशनी ने कहा।
"मैं सच मे डाल दूँगा"
"तुम नही डालोगे अनुराग, तुम ऐसे नही हो"
"मैं डाल सकता हूँ" अनुराग ने कहा।
अनुराग ये बात जानता था कि उसमे एसिड नही है पानी है फिर भी वो रोशनी के चेहरे में नही डाल पा रहा था, उसे ऐसा लग रहा था कि रोशनी हां बोल देगी डर से, लेकिन अगर डाल दिया तो उसके अंदर का वो डर भी खत्म हो जाएगा, वो जान जाएगी इसमे एसिड नही है। इसी वजह से वो बार बार डालने की धमकी दे रहा था । रोशनी अंदर से तो डरी हुई थी लेकिन शायद वो दिखाना नही चाहती थी।
अनुराग के बार बार डाल दूँ डाल दूँ से उसके दोस्तों में से एक दोस्त जिसका नाम धर्मा था वो बहुत इर्रिटेट हो रहा था। दोनो दोस्तो ने रोशनी के एक एक हाथ पकड़े थे और अनुराग आगे से बोतल को उसके चेहरे के पास चिपकाए खड़ा था। धर्मा ने एक झटका बोतल को देते हुए कहा- "डाल दे यार नखरे क्यो कर रहा"
बोतल को झटका लगते की बोतल से छलकता द्रव्य रोशनी के चेहरे पर गिरा और रोशनी की तेज चीख निकल आयी, इतनी तेज की दोनो ने झट से इसका हाथ छोड़ दिया।
"आआआआआ……."
रोशनी छटपटाते हुए दोनो हाथ अपने चेहरे पर मलने लगी, क्योकि उसका चेहरा एसिड के गिरफ्त में था।
"रोशनी…………" एक चीख अनुराग की भी निकली।
"ल ल लेकिन ये…. ये तो प प पानी……. अरे देख क्या रहे हो, हॉस्पिटल ले जाओ इसे…." अनुराग ने कहा।
"गाड़ी से पानी ले के आ,जल्दी जा" अनुराग दोबारा चिल्लाया। साथ खड़ा एक लड़का दौड़ कर गाड़ी से एक बोतल लाया जिसमे आधा बोतल पानी था। अनुराग ने जलते हुए चेहरे पर पानी के छपाक दिए।
"रोशनी…. ये क्या हो गया…. उसमे पानी…. पानी लाया……." अनुराग लगातार हकला रहा था और अकेले अकेले ही रोशनी को उठाकर गाड़ी की तरफ ले जाने लगा।
"हम इसे हॉस्पिटल नही ले जा सकते, पुलिस हमे पकड़ेगी…. छोड़ दो इसे और भाग चलो…. " धर्मा ने कहा।
"ये सब तेरी वजह से हुआ है…. चल जल्दी गाड़ी खोल" अनुराग ने कहा।
"धर्मा ने गाड़ी खोल दी लेकिन लड़की को गाड़ी में बिठाते ही वो दोनो वहीं से फरार हो गए और रोशनी को होस्पिटलाइज करने के लिए मुझे अकेले जाना पड़ा, मैं खुद बहुत दुखी था, मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि ऐसा क्यो हो गया, अब गलती मेरी कहो या सुमित की कहो, या फिर धर्मा की, हम तीनों बराबर के गुनहगार है।
सबसे पहले तो सुमित के उस लड़के ने गलत बोतल पकड़ा दी थी, पानी वाला बोतल देना था उसने तेजाब वाला ही दे दिया, और मैंने भी चेक नही किया, और धर्मा ने ऐसे उसके तरफ बोतल झटक दी थी। " अनुराग ने दीपक को बताते हुए कहा।
दीपक ने बंदूक की एक गोली उसके एक बाजू में मार दिया , अनुराग चिल्लाया…… आआआउ……ईई……
"बता किसकी गलती है, मेरी उंगली की गलती है, घोड़े की गलती है या गोली की" दीपक ने कहा।
अनुराग दर्द से कराहते हुए शांत रहा।
"एक सवाल और अगर एसिड धर्मा ने फेंका था तो तूने कोर्ट में उस बिन्दोलिये को क्यो 10 साल की सजा काटने के लिए रिश्वत दे दी, धर्मा को भी तो दिलवा सकता था??"
दीपक की बात सुनकर अनुराग ने दीपक की तरफ देखा और मुस्कराते हुए नजर झुका ली।
"बता, क्यो तू धर्मा को छिपाकर रख रहा है? क्यो?"
"बताता हूँ….बताता हूँ……"
कहानी जारी है
आपके लिए दो सवाल
1 किसकी गलती है
A- सुमित
b अनुराग
c धर्मा
d सुमित का वर्कर, पिंटू
2 कहानी कैसी लगी
(…………………….)
Fiza Tanvi
27-Aug-2021 11:50 PM
साजिशो से भरी हुई
Reply
🤫
10-Aug-2021 02:10 AM
हर बार कहानी एक ऐसे मोड़ पर छूटती है कि लगता है गेस करना भी मुश्किल हो जाता है आगे क्या होगा...? और गलती जैसा कुछ नही होता,हो सकता है रोशनी केसाथ हुए इस हादसे मे भी किसी की साजिश शामिल हो।
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santosh bhatt sonu
10-Aug-2021 06:14 AM
Hmm i think ye bhi sajish ho
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